विशेषण, विशेष्य, प्रविशेषण और विशेषक | Visheshan | Hindi Grammar
संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिणाम आदि) बताने वाले शब्द विशेषण (visheshan) कहलाते है.
विशेषण, विशेष्य, प्रविशेषण और विशेषक की परिभाषा
विशेषण : जो विशेषता बताते हो,विशेष्य : जिसकी विशेषता बताई जाती है,प्रविशेषण : जो विशेषण की विशेषता बताता हो,विशेषक : जो विशेषता उत्पन्न करता है,
विशेषण की परिभाषा
संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिणाम आदि) बताने वाले शब्द विशेषण (visheshan) कहलाते है.विशेषण एक ऐसा विकारी शब्द है, जो हर हालत में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है.
जैसे-
संज्ञा से: पेटू, लोभी, पहाड़ी क्रोधी आदि.
सर्वनाम से: इतना, कितना, आप वाली आदि.
क्रिया से: चलती ट्रेन, खाया मुँह, नृत्य करने वाली नायिका, पढ़ता बालक आदि.
संज्ञा से: पेटू, लोभी, पहाड़ी क्रोधी आदि.
सर्वनाम से: इतना, कितना, आप वाली आदि.
क्रिया से: चलती ट्रेन, खाया मुँह, नृत्य करने वाली नायिका, पढ़ता बालक आदि.
अव्यय से: बाहरी व्यक्ति, भीतरी बातें आदि.
सर्वनाम की तरह ही विशेषण का प्रयोग होता है. उदाहणार्थ:
- एक-दूसरे से मित्रता रखो.
- यहाँ तो एक आता है, एक जाता है.
विशेष्य की परिभाषा
यहाँ पर ‘काला’ विशेषण है और हाथी संज्ञा. चूंकि ‘काला’ विशेषण ‘हाथी’ शब्द की विशेषता बतला रहा इसलिए ‘हाथी’ शब्द ‘विशेष्य’ शब्द होगा.
प्रविशेषण की परिभाषा
वे शब्द जो विशेषणों की विशेषता बतलाते हैं, प्रविशेषण (Pravisheshan) कहे जाते हैं. जैसे-
1. वह बहुत तेज दौड़ता है. -- यहां तेज विशेषण है और बहुत प्रविशेषण है क्योंकि यह तेज की विशेषता बतला रहा है.
2. सीता अत्यन्त सुन्दर है. -- यहाँ सुन्दर विशेषण है तथा अत्यन्त प्रविशेषण है.
विशेषक की परिभाषा
वे शब्द जो विशेषता उत्पन्न करते है विशेषक (visheshak) कहलाते है जैसे-
1. सुमन लाल साड़ी में सुन्दर दिखाती है. -- यहाँ कहने का भाव यह है की सुमन सुन्दर नही है वह लाल साड़ी पहनी है इसलिए सुन्दर दिख रही है अतः यहाँ लाल साड़ी विशेषक है.
सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative Adjective)
जो सर्वनाम शब्द विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते है, सार्वनामिक विशेषण (sarvanamik visheshan) कहलाते हैं. सार्वनामिक विशेषणों को निदेश सूचक अथवा संकेतवाचक भी कहते हैं. उदाहरणार्थ-
ये मेरी सहेलियां हैं.
यह पेंसिल मेरी है.
उपर्युक्त वाक्यों में ये और यह शब्द सर्वनाम हैं, किन्तु ये शब्द संज्ञा शब्दों के साथ उनके विशेषण की भाँति प्रयुक्त हुए हैं। इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं.
ये भी जाने!
14 सितम्बर 1949 को संविधान द्वारा हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया गया इसीलिए प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को "हिन्दी दिवस" मनाया जाता है। भारतीय संविधान में हिन्दी के अतिरिक्त 17 अन्य भाषाएं भी हैं।
सार्वनामिक विशेषण के उपभेद
सार्वनामिक विशेषण के दो उपभेद हैं-
मौलिक सार्वनामिक विशेषण
जो सर्वनाम बिना रूपान्तर के मौलिक रूप में संज्ञा के पहले आकर उसकी विशेषता बतलाते हैं उन्हें इस वर्ग में रखा जाता है. जैसे-
यह घर मेरा है.
वह किताब फटी है.
यौगिक सार्वनामिक विशेषण
जो सर्वनाम रूपान्तरित होकर संज्ञा शब्दों की विशेषता बतलाते हैं, उन्हें यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है. जैसे-
ऐसा आदमी नहीं देखा.
कैसा घर चाहिए?
जैसा देश वैसा भेष.
गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
जिन शब्दों से संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण-दोष यथा-गुण, रंग, समय, ध्यान, आकार, स्वाद, दशा, दिशा, गंध आदि का बोध हो, उसे गुणवाचक विशेषण (gunvachak visheshan) कहते हैं. जैसे-अच्छा, बुरा, सच्चा, झूठा, बहादुर, डरपोक, शिष्ट, अशिष्ट, उदार, दयालु इत्यादि.
गुणवाचक विशेषण अनेक प्रकार के हो सकते हैं। जैसे -
कालबोधक | नया, पुराना, ताजा, मौसमी, प्राचीन |
रंगबोधक | लाल, पीला, काला, नीला, बैंगनी, हरा |
दशाबोधक | मोटा, पतला, युवा, वृद्ध, गीला, सूखा |
गुणबोधक | अच्छा, भला, बुरा, कपटी, झूठा, सच्चा, पापी, न्यायी, सीधा, सरल |
आकारबोधक | गोल, चौकोर, तिकोना, लम्बा, चौड़ा, नुकीला, सुडौल, पतला, मोटा |
संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
जो शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की संख्या सम्बन्धी विशेषता का बोध कराते हैं, संख्यावाचक विशेषण (sankhyavachak visheshan) कहलाते हैं. जैसे- दस लड़के, कई लड़कियाँ, दूसरा आदमी, सब बच्चे, कुछ रुपये, कई किताबें इत्यादि. यहाँ दस, कई, दूसरा, सब, कुछ और कई संख्यावाचक विशेषण हैं.
संख्यावाचक विशेषण के भेद
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद है-
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिस विशेषण शब्द से निश्चित संख्या का बोध होता है, वह निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाता है. जैसे- दस लड़के, बीस आदमी, पचास रुपये.
निश्चित संख्यावाचक विशेषणों को प्रयोग के अनुसार निम्न भेदों में विभक्त किया जा सकता है -
गणनावाचक | एक, दो, चार, आठ, बारह |
क्रमवाचक | पहला, दसवां, सौवां, चौथा |
आवृत्तिवाचक | तिगुना, चौगुना, सौगुना |
समुदायवाचक | चारों, आठों, तीनों |
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिस विशेषण शब्द से अनिश्चित संख्या का बोध हो, वह अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाता है. जैसे- कुछ आदमी चले गए, कई लोग आए थे, सब कुछ समाप्त हो गया.
परिमाणबोधक विशेषण (Adjective of Quantity)
जिस विशेषण शब्द से किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की माप-तौल अथवा मात्रा का बोध हो, उसे परिमाणवाचक विशेषण (parimanbodhak visheshan) कहते हैं, जैसे- दो किलो, छह मीटर चौड़ा, घोड़ा पानी, हल्का लोटा, आधा किलो, थोड़ा-बहुत, इतनी-सी, थोड़ी दूर इत्यादि.
परिमाणबोधक विशेषण के भेद
परिमाणबोधक विशेषण के दो भेद है-
निश्चित परिमाणबोधक विशेषण
जिस विशेषण शब्द से निश्चित परिमाण का बोध होता है. वह निश्चित परिमाणबोधक विशेषण कहलाता है; जैसे- दो सेर घी, दस हाथ जगह, चार गज मलमल इत्यादि.
अनिश्चित परिमाणबोधक विशेषण
जिस विशेषण शब्द से अनिश्चित परिमाण का बोध होता है, वह अनिश्चित परिमाणबोधक विशेषण कहलाता है. जैसे- बहुत दूध, सब धन, पूरा आनन्द इत्यादि.
विशेषणार्थक प्रत्यय
संज्ञा शब्दों को विशेषण बनाने के लिए उनमें जिन प्रत्ययों को जोड़ा जाता है, उन्हें विशेषणार्थक प्रत्यय कहते हैं. जैसे-
प्रत्यय | संज्ञा शब्द | विशेषण |
ईला | चमक | चमकीला |
इक | अर्थ | आर्थिक |
मान | बुद्धि | बुद्धिमान |
ई | धन | धनी |
वान | दया | दयावान |
ईय | भारत | भारतीय |
विशेषण की तुलनावस्था
इन्हें तुलनात्मक विशेषण भी कहा जाता है। विशेषण की तीन अवस्थाएं तुलनात्मक रूप में हो सकती हैं. मूलावस्था (Positive Degree), उत्तरावस्था (Comparative Degree) एवं उत्तमावस्था (Superlative Degree). जैसे-
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
लघु | लघुतर | लघुतम |
कोमल | कोमलतर | कोमलतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
सुन्दर | सुन्दरतर | सुन्दरतम |
बृहत् | बृहत्तर | बृहत्तम |
महत | महत्तर | महत्तम |
विशेषण का पद-परिचय (Parsing of Adjective)
वाक्य में विशेषण पदों का अन्वय (पद-परिचय) करते समय उसका स्वरूप- भेद, लिंग, वचन, कारक और विशेष्य बताया जाता है। जैसे-
काला कुत्ता मर गया.
काला- विशेषण, गुणवाचक, रंगबोधक, पुलिंग, एकवचन, विशेष्य- कुत्ता.
मुझे थोड़ी बहुत जानकारी है.
थोड़ी बहुत विशेषण, अनिश्चित संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, कर्मवाचक, विशेष्य जानकारी.
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