पर्यावरण का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, संरचना, क्षेत्र

पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा में environner शब्द से हुआ है इसका अर्थ है चारों ओर से घिरा हुआ

पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा में Environner शब्द से हुआ है जिसका अर्थ है चारों ओर से घिरा हुआ।
पर्यावरण शब्द परि एवं आवरण शब्दों से मिलकर बना हुआ है, चारों ओर के आवरण को पर्यावरण कहा जा सकता है।

चारों ओर के आवरण में जो कुछ भी सम्मिलित रहता है वह सब कुछ पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं जिन विषयों की सहायता से इस आवरण के अध्ययन का प्रयत्न संभव हो सकता है वह सभी पर्यावरण विज्ञान के अंतर्गत आते हैं।

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Environment

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार पर्यावरण किसी जीव के चारों तरफ घिरे भौतिक एवं जैविक दशाएं एवं उनके साथ अंतःक्रिया को सम्मिलित करता है।

पर्यावरण की परिभाषा

बुडवर्थ के अनुसार पर्यावरण शब्द का अभिप्राय उन सभी बाहरी शक्तियों और तत्वों से हैं जो व्यक्ति को आजीवन प्रभावित करते हैं।

रॉस के अनुसार पर्यावरण एक बाह्य शक्ति है जो हमें प्रभावित करती है।
(Environment is any external force which influences us.)

बोरिंग के अनुसार एक व्यक्ति के पर्यावरण में वह सब कुछ सम्मिलित किया जाता है जो उसके जन्म से मृत्यु पर्यंत उसे प्रभावित करता है।
पर्यावरण अध्ययन के निम्न उद्देश्य है।
  • पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना।
  • पारिस्थितिक प्रणालियों का ज्ञान करना।
  • पर्यावरण असंतुलन और उसके प्रभावों का ज्ञान करना
  • पर्यावरणीय क्रियाओं की जानकारी प्रदान करना।
  • पर्यावरण संरक्षण हेतु विविध उपायों की जानकारी देना।

पर्यावरण की संरचना एवं प्रकार

पर्यावरण की संरचना में तीन प्रमुख तत्व होते हैं और इसे संरचनात्मक तत्वों के आधार पर भी तीन भागों में बांटा गया है।
  1. भौतिक पर्यावरण
  2. जैविक पर्यावरण
  3. सामाजिक सांस्कृतिक पर्यावरण
पर्यावरण भौतिक एवं जैविक संकल्पना है।

भौतिक पर्यावरण

भौतिक पर्यावरण से अभिप्राय  प्रकृति के द्वारा बनाये गये कारकों से है जिन पर प्रकृति का सीधा नियंत्रण है।
भारतीय पर्यावरण का प्रत्यक्ष प्रभाव मानव एवं समस्त प्राणियों के समस्त क्रियाकलापों पर पड़ता है। यदि मानव को इस पृथ्वी से हटा दिया जाए तो जिन प्रक्रियाओं-क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं पर कोई अन्तर ना आए उन सब कारकों को भौतिक पर्यावरण के अंतर्गत रखा जाता है। जैसे- सूर्यताप, ऋतु, परिवर्तन, स्थिति, भू-वैज्ञानिक संरचना, उच्चावच, भू-कम्पन, ज्वालामुखी, मृदा, खनिज, वनस्पति, जीव-जंतु, आदि उक्त सभी तथ्यों को प्राकृतिक अथवा भौतिक पर्यावरण के अंतर्गत रखा जाता है।

भौतिक पर्यावरण को 3 वर्गों में बांटा गया है।
  1. स्थलमंडलीय Lithosphere
  2. जलमंडलीय Hydrosphere
  3. वायुमंडलीय Atmosphere

जैविक पर्यावरण

जैविक पर्यावरण वह है जो पृथ्वी की सतह से लगभग 10 किलोमीटर ऊपर धरती पानी और वायु का हिस्सा है इसे जीवमंडल भी कहते हैं।
सार्वभौम में जैविक पर्यावरण बहुत बड़ा अवयव है जो कि मानव के इर्द-गिर्द रहता है यहां तक कि एक मानव के लिए दूसरा मानव भी पर्यावरण का एक भाग है जीव जंतु व वनस्पति इस घटक के प्रमुख सहयोगी हैं।
सामान्यतया मनुष्य इन जैविक अवयवों के साथ अंतर्संबंध एवं सामंजस्यता बनाने की कोशिश करता है। जैविक पर्यावरण की समुचित जानकारी बीमारियों के निवारण का महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

जैविक पर्यावरण को दो वर्गों में बांटा गया है।

  1. वानस्पतिक पर्यावरण - समस्त प्रकार के पेड़ पौधे वनस्पतियां आदि।
  2. जंतु पर्यावरण - पृथ्वी के समस्त पशु पक्षी, कीट, सरीसृप, मत्स्य एवं मनुष्य इसके अंतर्गत आते हैं।

Points to Remember

  • जंतु एवं वनस्पति पर्यावरण है - जैविक पर्यावरण
  • पृथ्वी, वायु एवं जल किस के संगठक है - अजैविक पर्यावरण के
  • पृथ्वी का ठोस भाग जिस पर हम रहते हैं कहलाता है - भूमंडल
  • किशोरों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए सरकार द्वारा चलाया जा रहा अभियान है - Eco Club
  • पर्यावरण के मुख्य रूप से कितने घटक है - 3, (जैविक, अजैविक एवं ऊर्जा संघटक)
  • विश्व पर्यावरण दिवस किस तारीख को मनाया जाता है - 5 जून
  • वायु है एक - मिश्रण
  • EPA का पूर्ण रूप है - Environmental Protection Agency. 

सामाजिक-सांस्कृतिक पर्यावरण

मानव निर्मित कारकों की प्रभावशीलता को सांस्कृतिक पर्यावरण के अंतर्गत रखा जाता है।
जैसे - मार्ग, भवन, शहर, परिवहन संचार, और उद्योग व्यापार, एवं वाणिज्य आदि।

सामाजिक सांस्कृतिक पर्यावरण को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है।

  1. आर्थिक पर्यावरण
  2. मनोवैज्ञानिक पर्यावरण
  3. सामाजिक पर्यावरण
  4. प्रौद्योगिकी पर्यावरण
  5. सांस्कृतिक पर्यावरण
  6. राजनीतिक पर्यावरण

पर्यावरण का विषय क्षेत्र

परीक्षोपयोगी दृष्टिकोण से पर्यावरण के विषय क्षेत्र को 4 भागों में बांटा गया है।
  1. स्थल मंडल (Lithosphere)
  2. जल मंडल (Hydrosphere)
  3. वायु मंडल (Atmosphere)
  4. जैव मंडल (Biosphere)

मानव का पर्यावरण से संबंध

  • ‌मानव प्राकृतिक पर्यावरण को बड़े पैमाने पर बदल कर अपने अनुकूल बनाने में सक्षम है।
  • ‌जन्म, बुद्धि, स्वास्थ्य, मृत्यु, आदि मानव के प्राकृतिक गुण है।
  • ‌प्रागैतिहासिक काल से वर्तमान काल तक मानव और पर्यावरण के संबंधों में पूरी तरह परिवर्तन का कारण प्रौद्योगिकी है।
प्रागैतिहासिक काल से अद्यतन काल तक मानव और पर्यावरण के बीच परिवर्तित संबंधों को चार भागों में विभाजित किया जाता है।
  1. आखेट एवं भोजन संग्रह काल
  2. पशुपालन वह पशु चारण काल
  3. पौधपालन एवं कृषि काल
  4. विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं औद्योगीकरण काल

    आखेट एवं भोजन संग्रह काल

    • ‌इस काल में मानव प्राकृतिक पर्यावरण का संधटक था।
    • इस काल में मानव की संस्कृति एवं सभ्यता का एकमात्र कार्य था पेट की भूख मिटाना।
    • प्राचीन काल में मानव घूमता-फिरता प्राणी था।
    • इस काल में मानव शिकार करने और भोजन का संग्रह करने तक ही सीमित था।
    • प्रकृति में उपस्थित फल कंदमूल आदि ही खाकर मानव अपना पेट पालता था।
    • इस काल में आग का आविष्कार मानव के सोच में अत्यधिक परिवर्तन लाया।
    • साथ ही आग के आविष्कार से पर्यावरण को हानि पहुंचाना भी प्रारंभ हो गया।
    • आदि मानव व पर्यावरण के मध्य मित्रवत संबंध था पर्यावरण में मानव की सभी आवश्यकताएं पूरी हो जाती थी।

    पशुपालन व पशुचारण काल

    • ‌इस काल में मानव प्रारंभ में पशुओं का पालन केवल दूध की प्राप्ति तथा मांस के लिए करता था।
    • पशुपालन से ही मनुष्य को सामूहिक जीवन जीने की सीख मिली क्योंकि समूह में न रहने से पालतू जानवरों को जंगली हिंसक जानवरों से सुरक्षा कर पाना मुश्किल था इसलिए लोगों का एक साथ रहना आवश्यक हो गया।
    • पशुपालन में चारे के लिए मानव एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहे
    • पीने योग्य जल और उपजाऊ भूमि मानव को नदी घाटियों पर बसने के लिए आकर्षित किया।
    • इस काल में प्राकृतिक पर्यावरण पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ा।

    पौधपालान व कृषि पालन

    • इस काल में मानव को पौधपालन की इच्छा हुई तो अपने खाए हुए फल के बीजों से पौधों को उगाना सीखा।
    • कृषि के विकास से स्थाई जीवन की नींव पड़ी।
    • खाने योग्य फसलों की कृषि के साथ-साथ सामाजिक संगठनों का उदय हुआ।
    • कृषि कार्य में बढ़ती सुधार से मानव जनसंख्या में लगातार वृद्धि हुई।
    • मानव द्वारा निर्मित (स्वनिर्मित) व्यक्तिगत पर्यावरण को सांस्कृतिक पर्यावरण कहते हैं।
    • मानव रहने के लिए घर, गांव, नगर, आदि का निर्माण किया। यातायात के लिए सड़कों और पुलों का निर्माण किया।
    • बिना प्रकृति को क्षति पहुंचाए मानव ने अपने सुविधानुसार उनका दोहन किया।

    विज्ञान प्रौद्योगिकी और औद्योगीकरण काल

    • 19वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति का उदय हुआ।
    • आदिमानव के औजारों का निर्माण, आग का आविष्कार और पहिए के निर्माण ने विज्ञान प्रौद्योगिकी की नीव डाली।
    • टेराकोटा, मिट्टी के बर्तन बनाने में पहिए का प्रयोग मानव चाक के रूप में करता था।
    • 7वीं से 6वीं शताब्दी ई. पू. तक मानव ने लोहे का प्रयोग हथियार बनाने में किया और इसे कांसे से ज्यादा बेहतर पाया।
    • औद्योगिकरण के प्रारंभ से मानव पर्यावरण के बीच शत्रुता भी प्रारंभ कर चुका था।

    Points to Remember

    • सुनामी की उत्पत्ति किसके द्वारा होती है - समुद्र के भीतर उत्पन्न होने वाले भूकंप से
    • इकोमार्क उन भारतीय उत्पादकों को दिया जाता है - जो पर्यावरण के प्रति महत्वपूर्ण हो
    • भारत में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम कब पारित हुआ - 1986 ई. में
    • सौर विकिरण की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है - जल चक्र में
    • पर्यावरण का वह भाग जिसमें जाली स्थित होता है - जलमंडल
    • कौन सी पराबैंगनी विकिरण जीवो के लिए अत्यधिक हानिकारक है? - UVB
    • पर्यावरण जागरूकता फैलाने का सबसे सफल तरीका है- पर्यावरण शिक्षा

    मानव व पर्यावरण के बीच संबंधों का परिणाम दो रूपों में हुआ।
    1. मानव पर पर्यावरण के प्रभाव
    2. पर्यावरण का मानव पर प्रभाव

    मानव पर पर्यावरणीय प्रभाव

    मानव को भौतिक पर्यावरण कई प्रकार से प्रभावित करता है।
    • जैविक भौतिक सीमाओं द्वारा
    • आचार परक नियंत्रणों द्वारा
    • संसाधनों की सुलभता द्वारा

    जैविक भौतिक सीमाओं द्वारा

    • ‌मानव की क्रियाकलापों को प्रकाश, आद्रता, वर्षा, वायु, उस्मा, बादल आदि भौतिक कारक को विशेष रूप से प्रभावित करते हैं।
    • ‌पौधों, मनुष्यों और पशुओं के जीवन पर मौसम और जलवायु विशेष रूप से प्रभाव डालते हैं।
    • ऐसे बहुत से बीमारियां तथा रोग मनुष्य को कुछ मौसम विशेष से प्रभावित करती है।
    • भारत में वर्षा के मौसम में मेनिनजाइटिस तथा डेंगू रोग प्रभावित करता है।

    आचार्य पर नियंत्रण द्वारा
    • मानव की विचारधाराएं, चिंतन, संस्कृति और आचार को पर्यावरणीय कारक प्रभावित करते हैं।
    • प्राकृतिक घटनाएं मनुष्य की मानसिकता एवं स्वास्थ्य प्रभावित करती है। प्राकृतिक घटनाएं हैं - भूकंप, बाढ़, सूखा, सुनामी, भूस्खलन, बादल का फटना, आदि।

    संसाधन की सुलभता द्वारा
    • प्राकृतिक संसाधनों की अनियमित प्राकृतिक उपलब्धता उनके राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संबंधों की रूपरेखा को निर्धारित करती है।
    • प्राकृतिक संसाधनों की प्राप्ति मानव प्रकृति के बीच संबंध स्थापित करती है।
    • देश का आर्थिक विकास प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करता है।

    पर्यावरण का मानव पर प्रभाव

    • ‌मानव की कुछ गतिविधियां ऐसी होती हैं, जिससे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जैसे-खनन, शहरीकरण, औद्योगिकरण, आधुनिक कृषि और आधुनिक प्रौद्योगिकी, इत्यादि।
    • मानवीय क्रियाकलापों के वनोन्मूलन एवं अवनी करण से पर्यावरण की समस्या पैदा हो रही है।
    • पर्यावरण पर मानव का प्रभाव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में पड़ता है।

    पर्यावरण शिक्षा

    • पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु भारत में C.P.R. शिक्षा केंद्र खोला गया
    • C.P.R. शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु सन 1978 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय स्थापित किया गया।
    • 3 क्षेत्रीय प्राकृतिक संग्रहालय भुवनेश्वर, भोपाल, और मैसूर, में स्थापित किया गया।
    • ‌भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देश के वानिकी शिक्षा के विस्तार और विकास की गतिविधियों का केंद्र है।
    • पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना और जनचेतना बढ़ाना ही पर्यावरण शिक्षा का इतिहास है।

    Points to Remember

    • पर्यावरण किन अवयवों का मिश्रण है? - जैविक तथा अजैविक का
    • मानव भूगोल के जन्मदाता के नाम से किसे अभिहित किया जाता है - फैडरिक रेटजल
    • औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम कहां प्रारंभ हुई? - इंग्लैंड में
    • एक वृक्ष एक बड़ी स्थानिक स्तर पर किस से क्रिया करता है - वायु एवं जल से
    • बुकलिन शहर किसके कारण सर्वाधिक प्रभावित है - भूमिगत जल के दोहन के कारण
    • विश्व की सर्वाधिक अवसाद का परिवहन करने वाली दो नदियां हैं - yellow नदी (चीन) एवं गंगा नदी (भारत)
    • अक्षय प्रक्रिया है - भौमिकीय
    • मिस्र किसकी देन है? - नील नदी की
    • राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान कहां अवस्थित है - नागपुर में
    • कौन सी गैस पृथ्वी पर वनस्पतियों तथा जंतुओं के लिए रक्षा कवच है - ओजोन गैस
    • अशोक महान ने पेड़ लगवाए थे - लोक हितार्थ के लिए

    पर्यावरण संरक्षण के कुछ महत्वपूर्ण दिवस

    14-30 जनवरी पशुपालन दिवस
    2 फरवरी विश्व नम भूमि दिवस
    22 मार्च विश्व जल दिवस
    23 मार्च विश्व मौसम दिवस
    5 अप्रैल राष्ट्रीय मैरिटाइम दिवस
    22 अप्रैल पृथ्वी दिवस जल संसाधन दिवस
    28 अप्रैल विश्व धरोहर दिवस
    5 अप्रैल विश्व पर्यावरण दिवस
    17 जून विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा लड़ाई दिवस
    1 जुलाई वन महोत्सव दिवस
    6 अगस्त हिरोशिमा दिवस
    16-18 सितंबर क्लीन ऑफ द वर्ल्ड कैंपेन
    1-7 अक्टूबर वन्य प्राणी सप्ताह
    2 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा दिवस
    4 अक्टूबर विश्व पशु कल्याण दिवस
    5 अक्टूबर विश्व आवासीय दिवस
    24 नवंबर विश्व जैव विविधता संरक्षण दिवस
    19 नवंबर से 18 दिसंबर राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस
    3 दिसंबर विश्व संरक्षण दिवस
    29 दिसंबर अंतरराष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस

    पर्यावरण का महत्व

    • ‌यदि पेड़ पौधे ऑक्सीजन ना करें तो मनुष्य तथा जीव जंतु बच नहीं पाएंगे।
    • पौधे एक निर्धारित मात्रा में सूर्य की किरणे ग्रहण करते हैं और एक निर्धारित सीमा तक ही ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं।
    • ‌पेड़ पौधे भी अपने में स्वतंत्र नहीं होते मिट्टी के बैक्टीरिया एवं सूक्ष्म जीव इन्हें लाभ पहुंचाते है।
    • पर्यावरण में सभी तत्वों और जीवो की अन्योन्याश्रित की विशेषता ने ही संबंधों को जटिल बना दिया है।
    Points to Remember
    • टिकाऊ या शाश्वत विकास किस अवधारणा से सम्बन्ध रखता है? - नवनियतिवाद
    • प्रकृति का अत्यधिक दोहन क्या हो सकता है? - विनाशकारी
    • जब विकिरण फोटो केमिकल प्रक्रियाओं को तेज कर देता है तो इसके कारण क्या बनता है? - जहरीला कुहरा
    • सूर्य की किन किरणों को ओजोन गैस सोख लेती है, और पृथ्वी की सतह को अत्यधिक गरम होने से बचाती है? - पराबैंगनी किरण
    • कौन - सी गैस पार्थिव विकिरण का अवशोषण करके वायुमण्डल तथा पृथ्वी की सतह को गरम करती है? - CO2
    • न्यूज पेपर, मैगजीन, टीवी, रेडियो आदि द्वारा लोगों को पर्यावरणीय समस्याओं के बारे में जागरूक करना कहलाता है - मास मीडिया
    • पर्यावरणीय निश्चयवाद के प्रतिपादक हैं - कार्ल रिटर
    • 1978 में राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय की स्थापना कहाँ की गयी? - नई दिल्ली में

      संयुक्त राष्ट्र एजेंडा 2030 | Sustainable Development Goals

      इस एजेंडे मे 17 विकास लक्ष्य निर्धारित किये गये जो इस प्रकार है।
      1. गरीबी की सभी रूपों मे पूरे विश्व से समाप्ति। 
      2. भूख की समाप्ति , खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा। 
      3. सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा। 
      4. समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर प्रदान करना। 
      5. लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना। 
      6. सभी के लिये स्वच्छता और पानी के सतत् प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना। 
      7. सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित करना। 
      8. सभी के लिये निरंतर समावेशी और सतत् आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोजगार तथा बेहतर कार्य को बढ़ावा देना। 
      9. लचीले बुनियादी ढाँचे, समावेशी और सतत् औद्योगीकरण को बढ़ावा। 
      10. देशों के मध्य और भीतर असमानता को कम करना। 
      11. सुरक्षित, लचीले और टिकाऊ शहर तथा मानव बस्तियों का निर्माण।
      12. स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना। 
      13. जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिये तत्काल कार्यवाही करना। 
      14. स्थायी सतत् विकास के लिए महासागरों , समुद्र और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग। 
      15. सतत् उपयोग को बढ़ावा देने वाली स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि क्षरण और जैव - विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना। 
      16. सतत् विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही सभी स्तरों पर इन्हें प्रभावी, जवाबदेहपूर्ण बनाना ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित हो सके। 
      17. सतत् विकास के लिये वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्त कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना। 
      अब सहस्राब्दि विकास लक्ष्य का स्थान सतत् विकास लक्ष्य 2030 SDG ने ले लिया है । अपनी दुनिया में परिवर्तन, टिकाऊ विकास हेतु 2030 का एजेण्डा स्वीकार किया गया है।


      प्रश्न
      Q- 1) संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2002 को किसका अंतर राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया? - सतत विकास

      Q- 2) सतत विकास के लिये क्या आवश्यक है?
      • जैविक विविधता का संरक्षण 
      • प्रदूषण का निरोध व नियन्त्रण
      • निर्धनता को घटाना
      Q- 3) 'सतत विकास लक्ष्य, 2017' के सूचकांक में भारत का कौन - सा स्थान रहा - 116 वां 
      सतत विकास लक्ष्य सूचकांक, 2017 में स्वीडन ( Score 85.6 ) प्रथम स्थान पर, जबकि भारत 116 वें स्थान पर है। सतत विकास लक्ष्य सूचकांक, 2018 में स्वीडन ( Score 85.0 ) प्रथम स्थान पर, जबकि भारत 112 वें (Score 59.1) स्थान पर था।

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