जैव विविधता का महत्व Importance of Biodiversity
जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन का आधार है।
यह पृथ्वी पर पर्यावरण और मानव के लिए महत्वपूर्ण है।
जैव विविधता का महत्व
(Importance of Biodiversity)
जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन का आधार है। (Jaiv Vividhta ka Mahatva)
यह पृथ्वी पर पर्यावरण और मानव के लिए महत्वपूर्ण है।
जैव विविधता मृदा निर्माण, मृदा अपरदन की रोकथाम, अपशिष्ट का पुनः चक्रण और सस्य परागण द्वारा मानव अस्तित्व का आधार बनी हुई है।
मनुष्य को जीव-जंतुओं, वनस्पतियों से भोजन, आवास के लिये जरूरी संसाधन, कपड़े, औषधियाँ, रबर, इमारती लकड़ी आदि की प्राप्ति होती है।
मृदा निर्माण अपशिष्ट निस्तारण, वायु एवं जल शुद्धिकरण, पोषक चक्रीकरण सौर ऊर्जा का अवशोषण एवं जैव भू-रासायनिक व जलीय चक्रों का प्रबन्धन आदि सब जैव विविधता पर आश्रित हैं।
यह पृथ्वी पर पर्यावरण और मानव के लिए महत्वपूर्ण है।
जैव विविधता मृदा निर्माण, मृदा अपरदन की रोकथाम, अपशिष्ट का पुनः चक्रण और सस्य परागण द्वारा मानव अस्तित्व का आधार बनी हुई है।
मनुष्य को जीव-जंतुओं, वनस्पतियों से भोजन, आवास के लिये जरूरी संसाधन, कपड़े, औषधियाँ, रबर, इमारती लकड़ी आदि की प्राप्ति होती है।
मृदा निर्माण अपशिष्ट निस्तारण, वायु एवं जल शुद्धिकरण, पोषक चक्रीकरण सौर ऊर्जा का अवशोषण एवं जैव भू-रासायनिक व जलीय चक्रों का प्रबन्धन आदि सब जैव विविधता पर आश्रित हैं।
भारतीय जैव विविधता वाले विभिन्न क्षेत्र | |
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(i) जैव भौगोलिक क्षेत्र | ट्रान्स हिमालय (5.6%) हिमालय (7.296) मरुस्थल (69%) अर्द्धशुष्क क्षेत्र (15.6%) पश्चिमी घाट (5.8%) दक्कन प्रायद्वीपीय क्षेत्र (43%) गंगा का मैदान (11%) उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (5.2%) द्वीप समूह (0.03%) |
(ii) समुद्री जैव विविधता क्षेत्र | |
(iii) प्रमुख हॉटस्पॉट क्षेत्र | म्यांमार क्षेत्र, हिमालयन क्षेत्र, सुण्डालैण्ड, पश्चिमी घाट एवं लंका। |
जैव विविधता के महत्व-
औषधीय महत्व
- विश्व में कुछ ऐसे पौधे हैं जिनमें औषधीय गुण पाये जाते हैं।
- भारत में अनेक जड़ी-बूटियों वाली प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- बहुत सी जड़ी-बूटियों से दर्द निवारक, कैंसर, मलेरिया के उपचार से सम्बन्धित जटिल बीमारियों का इलाज किया जाता है।
- विश्व में लगभग 25 प्रतिशत दवाओं का निर्माण केवल जड़ी-बूटियों की 125 प्रजातियों से होता है।
- संसार में अस्सी हजार खाने योग्य पादप जातियाँ हैं, केवल 8 पादप जातियों से मानव आहार का 75 प्रतिशत भाग मिलता है।
- दर्द निवारक दवा मार्फीन एवं कैंसर उपचार की दवा टैक्सोल नामक पौधे से प्राप्त की जाती है।
- अनेकों एन्टीबायोटिक दवाएँ सूक्ष्म जीवों के प्रयोग से बनाई जाती हैं।
- विषुवतरेखीय प्रदेश और उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन में सर्वाधिक औषधि वाले पौधे पाये जाते हैं।
- इस समय लगभग 25000 पादप प्रजातियाँ विलोप के कगार पर खड़ी हैं।
सौन्दर्यपरक महत्व
- प्रकृति ने मानव को विविध प्रकार के सौन्दर्यपरक पादप प्रदान किये हैं।
- मनुष्य अब पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ाने हेतु पालतू जानवरों पक्षियों का संरक्षण चिड़ियाघर के माध्यम से संरक्षित कर रहे हैं।
- मनुष्य पौधों व वृक्षों का संरक्षण और प्राकृतिक सौन्दर्य को वानस्पतिक गार्डेन द्वारा सुरक्षित कर रहा है।
- मनुष्य तुलसी और पीपल के वृक्षों को सांस्कृतिक महत्व देता आया है।
उत्पादकता का महत्व
- जैव विविधता से मनुष्य को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ मिलता है।
- कृषि पादप प्रजातियों में विशेषकर गेहूँ, मक्का, चावल, बाजरा, दाल आदि आते हैं जिससे मानव को आहार मिलता है।
सामाजिक या पारितन्त्र का महत्व
- जैव विविधता का ह्रास प्रत्यक्ष रूप से सामाजिक जीवन पर प्रभाव डालता है।
- जैव विविधता में ह्रास के कारण ही आज ग्लोबल वार्मिंग तथा अम्लीय वर्षा जैसी समस्याएँ उद्भूत हो गयी हैं।
- पृथ्वी पर मानव जीवन बनाये रखने के लिए जैव विविधता का अत्यधिक महत्व है।
कृषि में जैव विविधता का महत्व
- जीवन और पारितंत्र के संतुलन के लिये कृषि जैव विविधता का संरक्षण किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
- कृषि जैव विविधता कृषि पारितन्त्र को मजबूती देती है और उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर सभी प्रजातियों का पोषण करती है।
- कृषि की लगभग 940 प्रजातियाँ हैं।
- शैक्षिक अनुसंधान, शिक्षा और मॉनीटरिंग से कृषि जैव विविधता को सुरक्षित किया जाता है।
जैविक विविधिता के संघटक का मूल्य
जैविक विविधता के घटकों के संरक्षण से होने वाले लाभ को तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है
- जैविक संसाधन
- पारिस्थितिक तंत्र सेवाएँ
- सामाजिक लाभ
जैविक संसाधन
- पारिस्थितिकी तन्त्र में उपस्थित जैविक संसाधन मनुष्य को कई प्रकार से लाभ पहुंचाते हैं।
- भविष्य के संसाधन, प्रजनन स्टॉक, जनसंख्या संग्रह या कोश, लकड़ी उत्पाद औषधि संसाधन, सजावटी पौधे, बागवानी, खाद्य पोषणीयता के साथ-साथ अन्य क्रियाओं के लिए।
पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ
- ये सेवाएँ पर्यावरण परिवर्तन को नियंत्रण के साथ जीवन के अनुकूल बनाये रखती हैं।
- इस प्रकार की सेवाओं में शामिल हैं पारिस्थितिकी तंत्र का भरण-पोषण, जल संसाधन का संरक्षण, जलवायु के स्थिरिता में योगदान, प्रदूषण, विकार और अवशोषण, मृदा निर्माण और संरक्षण, पोषण संग्रहण और चक्रण आदि ।
सामाजिक लाभ
- इसके अंतर्गत निम्न लाभ समाहित किया जा सकता है।
- सांस्कृतिक मूल्य, मनोरंजन, शोध, शिक्षा और प्रबोधन, समयोजित क्रियाविधिलाभ आदि।
- जैविक विविधता का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक के साथ-साथ राजनैतिक महत्व भी है।
- अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की बैठकों में अब पारिस्थितिकीय मुद्दे भी बन चुके हैं।
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