सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषण सिद्धांत | Psychoanalytic Theory
यह आर्टिकल CTET (सीटीईटी) परीक्षा के लिहाज़ से बहुत ही महत्वपूर्ण है और भी शिक्षक परीक्षा जिसमें सायकॉलजी से प्रश्न पूछे जाते है उनके लिए भी यह महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
मनोविश्लेषण का सिद्धांत |
मनोविश्लेषण का सिद्धांत (Psychoanalytic Theory)
मनोविश्लेषण का सिद्धांत: सिगमंड फ्रायड (Sigmund Freud) का जन्म आस्ट्रिया में 6 मई 1856 को हुआ था। इनके पिता का नाम जैकोब फ्रायड और इनकी माता का नाम अमलिया फ्रायड था। इन्होंने अपने शैक्षिक कार्यकाल में काफी उपलब्धियां प्राप्त की इन्होंने मात्र 6 वर्ष की अवस्था मे ही 8 भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया था।
सिगमंड फ्रायड का सिद्धांत
सिगमंड फ्रायड कहते थे की व्यक्ति से बात करके ही उसका मानसिक इलाज किया जा सकता हैं यह ऐसे प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने इस सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। जिसे आज विश्वभर में स्वीकृत कर इसका इलाज करने हेतु उपयोग किया जाता हैं।
सिगमंड फ्रायड के अनुसार मनुष्य के मानव स्वभाव की उत्त्पत्ति तीन तत्वों से हुई है।
- इद् (Id)
- अहम (Ego)
- परम् अहम (Super Ego)
वहीं सिगमंड फ्रायड के अनुसार मनुष्य का आंतरिक मन एवं उसकी बुद्धि के कार्य करने का आधार तीन प्रकार के होते हैं
- चेतन
- अचेतन
- अर्द्धचेतन
तो चलिए विस्तार से जानें कि मनोविज्ञान के विचारों का विकास करने वाले सिगमंड फ्रायड के मुख्य विचार क्या थे?
सिगमंड फ्रायड के मुख्य विचार
सिगमंड फ्रायड मनुष्य निर्माण के तीन तत्व - इद् (Id), अहम (Ego), पराहम (Super Ego) और मनुष्य के मस्तिष्क के तीन पहलु चेतन मन(Conscious Mind), अचेतन मन (Unconscious Mind), और अर्द्धचेतन (Semi-conscious Mind) सम्मिलित हैं।
1. चेतन मन (Conscious Mind)
Conscious Mind |
- चेतन मन वर्तमान (present) के विचारो से सम्बंधित होता है।
- यह मस्तिष्क का 10% या कहे 1/10 भाग होता है।
2. अचेतन मन (Unconscious Mind)
Unconscious Mind (अचेतन मन) |
- इसमें हमें तुरंत ज्ञान नहीं होता लेकिन जब मन पर ज्यादा जोर दिया जाए तो यह (कोई भी चीज) याद आ जाता है।
- यह मस्तिष्क का 90% या कहे 9/10 भाग होता है।
फ्रायड के अनुसार व्यक्ति के अचेतन मन समस्त कु-विचारों का भंडार है। फ्रायड के अनुसार व्यक्ति के चेतन,अर्द्धचेतन मन मे सभी विचार व्यक्ति के अचेतन मन से ही आते है। फ्रायड व्यक्ति के इस मन को केंद्र के रूप में स्वीकार करते है एवं इसे बहुत महत्व देते हैं।
3. अर्द्धचेतन मन (Sub-conscious Mind)
इसमे वे बाते होती है जो हम भूल चूके है और हमारे याद करने पर भी याद नही आती है। जैसे- स्वप्न
सिगमंड फ्रायड sigmund freud के यह तीनों सिद्धांत काफी चर्चा में रहें और इनकी Sexual Behaviour theory जिसमे इन्होंने स्तनपान करने एवं अपना अंगूठा चूसने वाली बालक की क्रिया को काम भावना से जोड़कर एक नए सिद्धांत का प्रतिपादन किया जिसको समाज मे काफी आलोचना का सामना करना पड़ा।
सिगमंड फ्रायड (Sigmund Freud) ने इन तीन (चेतन मन,अचेतन मन और अर्द्धचेतन मन) आधार पर व्यक्तित्व निर्माण के तत्वों को वर्गीकृत किया है जो इस प्रकार हैं।
1. इद् (Id)
इसमें व्यक्ति की शारीरिक और मूल आवश्यकताएं होती है जैसे- भूख, प्यास, Sex आदि को satisfied करना होता है यह सामाजिक आवश्यकताओं और नैतिक मूल्यों की चिंता किए बिना इच्छाओं की पूर्ति पर बल देता है।
2. अहम् (Ego)
यह आवश्यकताओं या इच्छाओं की संतुष्टि की योजना का निर्माण करता है और उसकी Implementation करता है या परिणामों की चिंता करता है।
3. पराहम् (Super-ego)
यह समाज द्वारा नैतिक सूत्रों के According काम करता है यानी जिस व्यक्ति के अंदर Super Ego ज्यादा होगी वह बुरे कामो से उतने ही दूर होगा जैसे- चोरी न करना, या झूठ न बोलना
Some Important Points
सिगमंड फ्रायड ने दो प्रकार की मूल प्रवृत्तियां दिए
(1) जीवन मूल प्रवृत्ति – यह जीवन जीने के लिए साधन जुटाने के लिए अभीप्रेरित करती है। यह जीवन मूल प्रवृत्ति के शारीरिक व मानसिक दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करती है। इसमें काम, वासना, भूख, व्यास शामिल है।
(2) मृत्यु मूल प्रवृत्ति- इस मूल प्रवृत्ति को घृणा मूल प्रवृत्ति भी कहा जाता है। इसका संबंध विनाश से है। यह मूल प्रवृत्ति जीवन मूल प्रवृत्ति के विपरीत कार्य करती है। इसमें व्यक्ति आक्रामक व विध्वंसक कार्य कर सकता है।
फ्रायड ने मन की तुलना बर्फ से किया
” फ्रायड ने मन की तुलना बर्फ से की है। जैसे बर्फ को अगर पानी में डालते हैं, तो उसका 90% भाग पानी में तथा 10% भाग बाहर रहता है।”
- 90% भाग – अचेतन मन – Unconscious Mind
- 10% भाग – चेतन मन – Conscious Mind
चेतन व अचेतन मन के बीच की अवस्था अर्द्ध चेतन मन कहलाती है।
फ्रायड के व्यक्तित्व संबंधी विचारों को मनोलैंगिक विकास का सिद्धांत भी कहा जाता है। इसे फ्रायद ने 5 अवस्थाओं में बांटा है जो इस प्रकार है।
- मौखिक अवस्था – जन्म से 1 वर्ष तक
- गुदा अवस्था – 2 से 3 वर्ष
- लैंगिक अवस्था- 4 से 5 वर्ष
- सुषुप्त अवस्था – 6 से 12 वर्ष
- जननी अवस्था – 12 से 20 वर्ष
ओडिपस व एलेक्ट्रा (Oedipus and Electra Complex)
Oedipus and Electra Complex |
- सिगमंड फ्रायड के अनुसार लड़कों में ओडीपस ग्रंथि होने के कारण अपनी माता को अधिक प्यार करते हैं।
- लड़कियों में एलेक्ट्रा ग्रंथि होने के कारण वे अपने पिता से अधिक प्यार करती है।
सिगमंड फ्रायड Sigmund Freud के सभी विचारों को एक बेहद महत्वपूर्ण इकाई के रूप में देखा जाता है परंतु फ्रायड के अनुसार व्यक्ति का अचेतन मन सभी प्रकार के (चेतन,अर्द्धचेतन) मन को नियंत्रित करता है और वह इसको सबसे महत्वपूर्ण स्थान देते है। अतः व्यक्ति का अचेतन मन ही सर्वश्रेष्ठ हैं। सिगमंड फ्रायड एक ऐसे व्यक्ति थे जो अपनी मृत्यु के बाद ज्यादा प्रसिद्ध हुए और इनके विचारों के क्षेत्र में व्यापकता आयी।
सिगमंड फ्रायड मनोविज्ञान के प्रणेता होने के साथ-साथ एक अच्छे दार्शनिक और दूरदर्शी भी थे ।
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