विशिष्ट बालकों की शिक्षा | Education of Exceptional Children

प्रतिभाशाली बालक का क्या तात्पर्य है मन्द बुद्धि बालक किसे कहते हैं शैक्षिक पिछड़ेपन के मुख्य कारण कौन से हैं प्रतिभाशाली बालक किसे कहा जा सक है

education-of-exceptional-children
Education of Exceptional Children

विशिष्ट बालकों की शिक्षा

प्रत्येक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनेक सामान्य बालक आते हैं। इनके अलावा कुछ ऐसे बालक भी आते हैं, जिनकी अपनी कुछ शारीरिक और मानसिक विशेषताएँ होती हैं। इनमें कुछ प्रतिभाशाली, कुछ मन्द बुद्धि, कुछ पिछड़े हुए और कुछ शारीरिक दोषों वाले होते हैं। इनको 'विशिष्ट बालकों' अथवा 'अपवादात्मक बालकों' की संज्ञा दी जाती है। 

विशिष्ट बालकों में सामान्य बालकों की अपेक्षा कुछ असामान्यतायें तथा विशेषतायें पाई जाती हैं। इन विभिन्नताओं की चरम सीमा वाले बालक विशिष्ट बालकों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे बालक मानसिक, संवेगात्मक, शारीरिक, सामाजिक रूप से सामान्य बालकों से अलग होते हैं। क्रो एवं क्रो के शब्दों में - "वह बालक, जो मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और संवेगात्मक आदि विशेषताओं में औसत से विशिष्ट हो और यह विशिष्टता इस स्तर की हो कि उसे अपनी विकास क्षमता की उच्चतम सीमा तक पहुँचने के लिये विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता हो, असाधारण या विशिष्ट बालक कहलाता है।" 

विशिष्ट बालकों के प्रकार

हम इनमें से चार प्रकार के बालकों का विशेष अध्ययन करेंगे जो निचे दिया गया है इसपे क्लिक कर के आप पढ़ सकते है।
इस Blog का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों को अधिक से अधिक जानकारी एवं Notes उपलब्ध कराना है, यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित किया गया है।