हरलॉक के अनुसार - विकास का अर्थ एवं परिभाषा

जानिए विकास का अर्थ एवं परिभाषा: व्यक्ति में समग्र परिवर्तन ही विकास है। यहाँ परिवर्तन से तात्पर्य शारीरिक, मानसिक व संवेगात्मक आदि से है।
विकास का अर्थ एवं परिभाषा

विकास का अर्थ एवं परिभाषा 

विकास की परिभाषा

व्यक्ति में समग्र परिवर्तन ही विकास है। यहाँ परिवर्तन से तात्पर्य शारीरिक, मानसिक व संवेगात्मक आदि से है। वास्तव में विकास  अभिवृद्धियों का योग है। विकास के परिणाम स्वरूप प्राणी मे नई - नई भोग्यताएँ, विशेषताएँ, कार्यकुशलताएँ प्रदर्शित होती है।

जैसे- हाथ पैर का बढ़ना, धड़ का बढ़ना आदि शारीरिक व मानसिक कार्यकुशलता उत्पन्न होती अभिवृद्धि है लेकिन इसके कारण जो है उसे विकास कहा जाता है।

हरलॉक के अनुसार - "विकास अभिवृद्धि तक ही सीमित नहीं है। इसकी अपेक्षा इसमें परिपक्व अवस्था के लक्ष्य और परिवर्तनों का प्रगतिशील क्रम निहित होता है।"

विकास का अर्थ

विकास का शाब्दिक अर्थ होता है प्रगति या सुधार। यह एक सकारात्मक प्रक्रिया है जिसमें समृद्धि, उन्नति, और सुधार होते हैं। विकास का अर्थ यह नहीं होता कि केवल आर्थिक दृष्टि से ही सुधार हो, बल्कि इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक पहलुओं का भी समावेश होता है। 

विकास की प्रक्रिया समृद्धि के सभी क्षेत्रों को समाहित करने की दिशा में होती है, ताकि जनसंख्या को सुशिक्षित, स्वस्थ, और समृद्धिशील बनाया जा सके। इसमें अधिकार, न्याय, और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने का भी प्रयास होता है। विकास की प्रक्रिया में सांविदानिक और सामाजिक संबंधों को मजबूती देने का भी उद्देश्य होता है ताकि समृद्धि और उन्नति निरंतर बनी रह सके।

विकास के बारे में जानाने के बाद आपको अभिवृद्धि का अर्थ एवं परिभाषा के बारे में अवश्य पढ़ना चाहिए क्यों की विकास  एवं अभिवृद्धि एक ही सिक्के के दो पहलू है।
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