National Curriculum Framework 2005
![]() |
National Curriculum Framework 2005 |
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 National Curriculum Framework 2005
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 (NCF-2005) एक ऐसा दस्तावेज है। जिसमे ऐसे विषयो पर चर्चा की गई है। कि बालको को क्या और किस प्रकार से पढ़ाया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या कि रूपरेखा 2005 कि उत्पति रविंद्र नाथ टैगोर के "सभ्यता और प्रगति" नामक निबंध से हुई है।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 का अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गयी भषाओ में भी किया गया है।
NCF 2005 को प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में तैयार किया गया था।
NCF - 2005 के सिद्धांत
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के 5 मार्गदर्शी सिद्धांत इस प्रकार है-
- ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
- पढाई को रटंत प्रणाली से मुक्त किया जाए।
- पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक केंद्रित न होकर बालकेन्द्रित होना चाहिये।
- परीक्षा को अधिक लचीलापन बनाना और कक्षा की गतिविधियों से जोडना।
- राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार किये जाए।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के प्रमुख सुझाव
सक्रिय बालक (Active Child)
बालक को सक्रिय समझना चाहिये क्योकि यदि वह स्वयं से चिजो को जाने और सीखे और नयी नयी चीजों को आजमाए, चिजो को जोड़-तोड़ करे और गलतियां करे, और अपने मे स्वयं सुधार करे।
सक्रिय सीखना (Active Learning)
सीखना सक्रिय व सामाजिक गतिविधि (social activity) है।
सीखने में यांत्रिकता न हो
सिखने में यांत्रिकता (बार-बार) नहीं होनी चाहिए।
सीखने मे डर न हो
सिखने मे डर और अनुशासन (Dicipline) की जगह आनंद एवं संतोष से जोड़ा जाये।
बालक को महत्वपुर्ण माना जाय
बालक को स्कूल, घर, समुदाय आदि सब जगह महत्वपुर्ण माना जाय और उसकी भाषा (Mother Tongue), संस्कृति को भी सम्मान दिया जाये।
बहुभाषिक (Multilingual)
कक्षा शिक्षण तीन भाषाओ (त्रिभाषा सूत्र - Three Language Formula) की वकालत करता हो।
भाषा कौशल Language Skills
NCF - 2005 भाषा के चार कौशल की बात करता है जो इस प्रकार है - सुनना → बोलना → पढ़ना → लिखना
शिक्षण सूत्रों का अधिक प्रयोग
विद्यार्थियों को दी जाने वाली शिक्षा में शिक्षण सूत्र जैसे ज्ञात से अज्ञात की ओर, मूर्त से अमूर्त की ओर आदि शिक्षण सूत्रों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए।Punishment and Reward
Punishment and Reward की भावना (Punishment and Vengeance) को सीमित किया जाए।
मोटी किताबें न हो
विशाल पाठ्यक्रम व मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली की असफलता का प्रतीक है। इसलिए बच्चो की किताबे सन्दर्भात्मक और बच्चों के जीवन के अनुभव से सम्बन्धित होनी चाहिए।
अन्य इस प्रकार है-
- किसी भी प्रकार की सूचना को ज्ञान मानने से बचा जाए।
- सह-शैक्षिक गतिविधियों में बच्चों के अभिभावकों (Parents) को भी जोड़ा जाए।
- मानसिक स्तर एवं योग्यता के अनुसार पाठ्यक्रम का निर्धारण करना चाहिये।
- NCF 2005 का प्रमुख सूत्र "बिना भार के अधिगम" या "Learning Without Burdon"
- मूल्यों को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित किया जाए।
- पुस्तकालय (Library) में बच्चों को स्वयं पुस्तक चुनने का अवसर दें।
- शांति शिक्षा को बढ़ावा महिलाओं के प्रति आदर एवं जिम्मेदारी का दृष्टिकोण विकसित करने की कार्यक्रम का आयोजन करना।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मनोरंजन के स्थान पर सौंदर्य बोध (Aesthetic Sense) को बढ़ावा दें।
- शिक्षकों को अकादमिक संसाधन व नवाचार (Innovation) आदि समय पर पहुंचाए जाए।
- समुदाय (Community) को मानवीय संसाधन (human resource) के रूप में प्रयुक्त होने का अवसर दें।
- बालकों के चहुंमुखी विकास पर आधारित पाठ्यचर्या हो ।
- सभी विद्यार्थियों हेतु समावेशी वातावरण (Inclusive Environment) तैयार करना।
NCF 2005 के According Math's के Objective
इसके अनुसार प्राथमिक कक्षा में गणित की प्रकृति "एकीकृत" (Integrated) होनी चाहिए। इसका मतलब गणित को दूसरे विषय के साथ एकीकृत करके पढ़ाना चाहिए।
NCF - 2005 इस बात पर भी बल देता है की स्कूल "गणित आधारित" होना चाहिए। क्योंकि ये छात्रो को गणित में अर्थपूर्ण (meaningful) समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। और गणित में अमूर्त संकल्पनाओं को समझने के लिए यह मूर्त अनुभव उपलब्ध कराता है।
NCF - 2005 की विधिया
NCF - 2005 पांच विधियों पर बल देता है-
- करके सीखना (Learning by Doing)
- निरीक्षण विधि (Inspection Method)
- परीक्षण विधि (Test Method)
- सामूहिक विधि (Collective Law)
- मिश्रित विधि (Mixed Method)
Other Important points on NCF - 2005
NCF 2005 में शिक्षक के प्रति दृष्टिकोण शिक्षक ज्ञान का स्त्रोत नहीं अपितु एक ऐसा सुगमकर्ता (Facilitator) है, जो सूचना को अर्थ बोध में बदलने की प्रक्रिया में विविध उपायों द्वारा बच्चों हेतु सहायक हो ।
NCF 2005 के अनुसार माध्यमिक स्तर पर SOCIAL SCIENCE / SCIENCE / EVS के प्राथमिक उद्देश्य
- राष्ट्र के समक्ष सामाजिक आर्थिक चुनौतियों की समझ विकसित कर सके।
- प्राकृतिक और सामाजिक वातावरण के परस्पर संबंध पर बल देते हुए वातावरण की समग्र समझ विकसित करना।
- Science के concept को जानने के लिए activities और experiment को करना।
- सुपरिचित अनुभवों के आधार पर science के concept को सीखना।
Read More...