विकास की प्रकृति क्या है? | Nature of Development

जानिए विकास का महत्व - सामान्य से विशिष्ट दिशा, गुणात्मक परिवर्तन का संकेत! सभी प्रकार के बदलावों का महत्वपूर्ण और रोचक विश्लेषण।
विकास की प्रकृति क्या है?
विकास की प्रकृति क्या है?

विकास की प्रकृति

  • विकास रुकता नहीं है, निरंतर चलता रहता है ।
  • विकास की निश्चित पद्धति होती है।
  • विकास सामान्य से विशिष्ट दिशा की ओर होता है ।
  • विकास का अर्थ अधिक व्यापक है ।
  • विकास सभी प्रकार के परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करता है ।
  • विकास गुणात्मक परिवर्तनों का संकेतक है ।

विकास, जो शरीर के गुणात्मक परिवर्तनों को कहा जाता है, यह एक स्थिर और क्रमश: बढ़ते रहने वाली प्रक्रिया है। इसमें कभी रुकावट नहीं आती, बल्कि यह जीवन भर चलता रहता है। विकास का अर्थ केवल शारीरिक बदलाव नहीं है, बल्कि इसका विकास मानसिक, सामाजिक, और आत्मिक प्रदर्शनों में भी होता है।

विकास की विभिन्न अवस्थाएँ होती हैं, और प्रत्येक अवस्था अपनी विशेषता के साथ आती है। एक शिशु की शारीरिक अवस्था में विकास, उसकी सामाजिक उपस्थिति से भी जुड़ी होती है, जबकि एक किशोर का विकास उसके मानसिक और सामाजिक आत्मता की ओर बढ़ता है।

बच्चे का शारीरिक विकास मासूमियत और नायिकात्व की ओर बढ़ने के साथ होता है, जबकि मानसिक विकास में वह नए अनुभवों और शिक्षा के माध्यम से सीखता है। सामाजिक विकास में, वह अपने परिवार, मित्र, और समाज के साथ संबंध बनाता है और उच्चतम मानकों की ओर विकास करता है।

इस प्रकार, विकास एक समृद्धि और समृद्धिवाद की दिशा में प्रगट होने वाली प्रक्रिया है, जो शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक स्तर पर हमें समृद्धि और समर्थन प्रदान करता है।

इस Blog का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों को अधिक से अधिक जानकारी एवं Notes उपलब्ध कराना है, यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित किया गया है।